Wednesday 3 August 2016

we & our traffic rules

we & our traffic rules

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हम और हमारे traffic rules

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आज के अधिकतर लोग पढ़ाई करते हैं तो सिर्फ जानकारी पाने के लिए; ना कि उस जानकारी को यथार्थ रूप से अपने जीवन में अनुसरण के लिए।
आज का प्रत्येक व्यक्ति traffic rules को सिर्फ जानकारी के तौर पर जानता ही है। इनमे से कुछ ही व्यक्ति होंगे जो उनका यथार्थ रूप से पालन करते होंगे और जिस वक्त वह traffic rules का पालन करते हैं तब यकीन मानिए उन्हें बहुत खुशी होती है, बहुत गर्व होता है कि वह अपने देश के एक जागरुक नागरिक हैं।
ये खुशी और ये गर्व मैं प्रत्येक दिन महसूस करता हूं जब मैं अपने घर से कॉलेज के लिए निकलता हूं क्योंकि मैं जितना हो सकता है उतना traffic rules का पालन करता हूँ।
यह खुशी और यह गर्व आप भी महसूस कर सकते हैं और वह भी वैद्य रूप से। लेकिन इस की शर्तों को आप बोझ मानकर नहीं बल्कि अपना कर्तव्य मानकर करें। इसके लिए आपको negative think छोड़ positivity से सोचना होगा।
जैसे कि:-
1. आप हेलमेट नहीं लगाते शायद सोचते हैं कि hair style खराब हो जाएगी या फिर सिर बहुत भारी हो जाएगा जबकि सोचना ये चाहिए कि hair style से अधिक मुझे अपनी जिंदगी से प्यार है और हेलमेट लगाना अनिवार्य है।
ये video भी देखें....शायद आप इससे inspire हो जाएँ...!!!

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2. आप लोगों की भीड़ में रफ्तार से Bike निकालते हैं, शायद सोचते हैं कि ऐसा करने से लोग मेरी तारीफ करेंगे लेकिन याद रखिए तारीफ से कहीं अधिक लोग गालियां देते हैं।
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3. आप सड़क पर टूटी हुई रेलिंग से पुलिस को चकमा देकर निकल जाते हो। जबकि जागरूकता ऐसी होनी चाहिए कि अगर पुलिस वाले traffic पर न भी हों तो भी हमें टूटी रेलिंग से न निकलकर; सही रास्ते से ही निकलना चाहिए।
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4. Bike पर तीन या चार लोगों को बैठाकर जहां पुलिस मिलती है तो उससे कुछ दूर पहले ही एक या दो लोगों को बाइक से उतार देते हो और Bike को पुलिस वालों के सामने से निकाल कर फिर कुछ दूरी पर खड़ी कर देते हो। तब तक, जब तक कि आपके पैदल वाले साथी नहीं आ जाते; और आप फिर से 4 लोग बैठकर खुशी-खुशी पुलिस को चकमा देकर निकल जाते हैं। और अपने आपको तीस मार खां समझने लगते हैं।
लेकिन यहां आप की तुलना तीस मार खां से नहीं बल्कि स्कूल के उस शैतान विद्यार्थी से की जाती है जो सिर्फ डंडे की भाषा समझता है प्यार की नहीं।
उसी तरह आप भी ट्रैफिक रूल्स का पालन तब तक नहीं करते जब तक कि डंडा यानी कि पुलिस आप को नहीं दिख जाती।
क्या जरूरी है!!! कि जब तुम्हें पुलिस देखेगी तभी traffic rules का पालन करोगे।
नहीं!!! सिर्फ खुद जागरुक बनो ऐसे जागरुक कि traffic police की जरुरत ही ना पड़े।
और अपने मन में ये ख्याल कभी ना लाओ कि वो चार जा सकते हैं तो हम क्यों नहीं; बल्कि ये ख्याल जरूर लाओ कि वह चार शैतान student (गैर जागरूकता वाले) हैं।
और वह सिर्फ डंडा (पुलिस) की मुठभेड़ से ही सुधरेंगे।
जरुरी नहीं कि ठोकर लगने (police को 1000-2000₹ देने) के बाद ही सुधरो पहले ही सुधर जाओ तो ठीक है।
क्योंकि किसी महापुरुष ने कहा भी है :- "मूर्ख अपनी गलतियों से सीखते हैं जबकि महान तो वो लोग होते हैं जो दूसरों की गलतियों से सीखते हैं।"
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friends, मेरे कहने का आशय ये है कि हम सभी rules का पालन नहीं कर सकते लेकिन कुछ rules तो follow कर सकते हैं ना!!! बस कुछ ही rules follow करिए , थोड़ी सी परेशानी के बाद मैं आपसे वादा करता हूँ कि आपको अपने indian होने पर गर्व होगा।
जय हिंद

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